Quran Quote  : 

कुरान मजीद-16:115 सुरा अन-नहल हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

إِنَّمَا حَرَّمَ عَلَيۡكُمُ ٱلۡمَيۡتَةَ وَٱلدَّمَ وَلَحۡمَ ٱلۡخِنزِيرِ وَمَآ أُهِلَّ لِغَيۡرِ ٱللَّهِ بِهِۦۖ فَمَنِ ٱضۡطُرَّ غَيۡرَ بَاغٖ وَلَا عَادٖ فَإِنَّ ٱللَّهَ غَفُورٞ رَّحِيمٞ

लिप्यंतरण:( Innamaa harama 'alai kumul maitata waddama wa lahmal khinzeeri wa maaa uhilla lighairil laahi bihee famanid turra ghaira baaghinw wa laa 'aadin fa innal laaha Ghafoorur Raheem )

अल्लाह ने तुमपर जो चीज़ें हराम की हैं, वे यह हैं - मुर्दार, (बहता) रक्त, सूअर का मांस तथा वह वस्तु जिसपर अल्लाह के सिवा किसी और का नाम पुकारा जाए।[53] फिर जो (इन वस्तुओं को खाने पर) विवश हो जाए, जबकि वह न (हराम के उपयोग की) इच्छा रखता हो और न आवश्यकता की सीमा से आगे[54] बढ़ रहा हो, तो उसपर कोई दोष नहीं। अल्लाह अति क्षमाशील, अत्यंत दयावान् है।

सूरा अन-नहल आयत 115 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

53. अर्थात अल्लाह के सिवा अन्य के नाम से बलि दिया गया पशु। ह़दीस में है कि जो अल्लाह के सिवा दूसरे के नाम से बलि दे उसपर अल्लाह की धिक्कार है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 1978) 54. (देखिए : सूरतुल-बक़रा, आयत : 173, सूरतुल-माइदा, आयत : 3, तथा सूरतुल-अन्आम, आयत : 145)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah An-Nahl verse 115 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Nahl ayat 114 which provides the complete commentary from verse 114 through 117.

सूरा अन-नहल सभी आयत (छंद)

Sign up for Newsletter