लिप्यंतरण:( Wa in khiftum allaa tuqsitoo fil yataamaa fankihoo maa taaba lakum minan nisaaa'i masnaa wa sulaasa wa rubaa'a fa'in khiftum allaa ta'diloo fawaahidatan aw maa malakat aimaanukum; zaalika adnaaa allaa ta'ooloo )
2. अरब में इस्लाम से पूर्व अनाथ बालिका का संरक्षक यदि उसके खजूर का बाग़ हो, तो उसपर अधिकार रखने के लिए उससे विवाह कर लेता था। जबकि उसे उसमें कोई रूचि नहीं होती थी। इसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4573) 3. अर्थात युद्ध में बंदी बनाई गई दासी।
The tafsir of Surah Nisa verse 3 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Nisa ayat 2 which provides the complete commentary from verse 2 through 4.
सूरा अन-निसा आयत 3 तफ़सीर (टिप्पणी)