लिप्यंतरण:( Wa izal la aatainaahum mil ladunnaaa ajran 'azeemaa )
और तब तो हम अवश्य उन्हें अपने पास से बहुत बड़ा बदला देते।
सूरा अन-निसा आयत 67 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Nisa verse 67 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Nisa ayat 66 which provides the complete commentary from verse 66 through 70.
सूरा अन-निसा आयत 67 तफ़सीर (टिप्पणी)