लिप्यंतरण:( Illaa man khatifal khatfata fa atba'ahoo shihaabun saaqib )
2. फिर यदि उससे बचा रह जाए तो आकाश की बात अपने नीचे के शैतानों तक पहुँचाता है और वे उसे काहिनों तथा ज्योतिषियों को बताते हैं। फिर वे उसमें सौ झूठ मिलाकर लोगों को बताते हैं। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6213, सह़ीह़ मुस्लिम : 2228)
The tafsir of Surah As-Saffat verse 10 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Saffat ayat 6 which provides the complete commentary from verse 6 through 10.
सूरा As-Saffatआयत 10 तफ़सीर (टिप्पणी)