लिप्यंतरण:( Wa fadainaahu bizibhin 'azeem )
17. यह महान ज़बीहा एक मेंढा था। जिसे जिबरील (अलैहिस्सलाम) द्वारा स्वर्ग से भेजा गया। जो आपके प्रिय पुत्र इसमाईल (अलैहिस्सलाम) के स्थान पर ज़बह किया गया। फिर इस विधि को प्रलय तक के लिए अल्लाह के सामीप्य का एक साधन तथा ईदुल अज़हा (बक़रईद) का प्रियवर कर्म बना दिया गया। जिसे संसार के सभी मुसलमान ईदुल अज़हा में करते हैं।
The tafsir of Surah As-Saffat verse 107 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Saffat ayat 99 which provides the complete commentary from verse 99 through 113.
सूरा अस-साफ़्फ़ात आयत 107 तफ़सीर (टिप्पणी)