लिप्यंतरण:( Am khalaqnal malaaa'i kata inaasanw wa hum shaahidoon )
27. इसमें मक्का के मिश्रणवादियों का खंडन किया जा रहा है, जो फ़रिश्तों को अल्लाह की पुत्रियाँ कहते थे। जबकि वे स्वयं पुत्रियों के जन्म को अप्रिय मानते थे।
The tafsir of Surah As-Saffat verse 150 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Saffat ayat 149 which provides the complete commentary from verse 149 through 160.
सूरा As-Saffatआयत 150 तफ़सीर (टिप्पणी)