Quran Quote  : 

कुरान मजीद-37:158 सुरा अस-साफ़्फ़ात हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَجَعَلُواْ بَيۡنَهُۥ وَبَيۡنَ ٱلۡجِنَّةِ نَسَبٗاۚ وَلَقَدۡ عَلِمَتِ ٱلۡجِنَّةُ إِنَّهُمۡ لَمُحۡضَرُونَ

लिप्यंतरण:( Wa ja'aloo bainahoo wa bainal jinnati nasabaa; wa laqad 'alimatil jinnatu innahum lamuhdaroon )

और उन्होंने अल्लाह तथा जिन्नों के बीच रिश्तेदारी बना दी। हालाँकि निःसंदेह जिन्न जान चुके हैं कि निःसंदेह वे (मुश्रिक) अवश्य उपस्थित किए जाने वाले हैं।[28]

सूरा अस-साफ़्फ़ात आयत 158 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

28. अर्थात यातना के लिए। तो यदि वे उसके संबंधी होते, तो उन्हें यातना क्यों देता?

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah As-Saffat verse 158 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Saffat ayat 149 which provides the complete commentary from verse 149 through 160.

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