लिप्यंतरण:( Qaalooo innakum kuntum taatoonanaa 'anil yameen )
7. इससे अभिप्राय यह है कि धर्म तथा सत्य के नाम से आते थे। अर्थात यह विश्वास दिलाते थे कि यही मिश्रणवाद मूल तथा सत्धर्म है।
The tafsir of Surah As-Saffat verse 28 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Saffat ayat 27 which provides the complete commentary from verse 27 through 37.
सूरा अस-साफ़्फ़ात आयत 28 तफ़सीर (टिप्पणी)