लिप्यंतरण:( Falaw anna lanaa karratan fanakoona minal mu'mineen )
17. इस आयत में संकेत है कि संसार में एक ही जीवन कर्म के लिए मिलता है। और दूसरा जीवन परलोक में कर्मों के फल के लिए मिलेगा।
The tafsir of Surah Ash-Shura verse 102 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Shura ayat 90 which provides the complete commentary from verse 90 through 104.
सूरा अश-शुअरा आयत 102 तफ़सीर (टिप्पणी)