Quran Quote  : 

कुरान मजीद-26:4 Surah Ash-shuara हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

إِن نَّشَأۡ نُنَزِّلۡ عَلَيۡهِم مِّنَ ٱلسَّمَآءِ ءَايَةٗ فَظَلَّتۡ أَعۡنَٰقُهُمۡ لَهَا خَٰضِعِينَ

लिप्यंतरण:( In nashaa nunazzil 'alaihim minas samaaa'i Aayatan fazallat a'naaquhum lahaa khaadi'een )

यदि हम चाहें, तो उनपर आकाश से कोई निशानी उतार दें, फिर उसके सामने उनकी गर्दनें झुकी रह जाएँ।[2]

सूरा Ash-Shuaraआयत 4 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • ख़ज़ाएनुल इरफ़ान

2. परंतु ऐसा नहीं किया, क्योंकि दबाव का ईमान स्वीकार्य तथा मान्य नहीं होता।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ash-Shura verse 4 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Shura ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 9.

Sign up for Newsletter