Quran Quote  : 

कुरान मजीद-42:18 Surah Ash-shura हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

يَسۡتَعۡجِلُ بِهَا ٱلَّذِينَ لَا يُؤۡمِنُونَ بِهَاۖ وَٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ مُشۡفِقُونَ مِنۡهَا وَيَعۡلَمُونَ أَنَّهَا ٱلۡحَقُّۗ أَلَآ إِنَّ ٱلَّذِينَ يُمَارُونَ فِي ٱلسَّاعَةِ لَفِي ضَلَٰلِۭ بَعِيدٍ

लिप्यंतरण:( Yasta'jilu bihal lazeena laa yu'minoona bihaa wallazeena aamanoo mushfiqoona minhaa wa ya'lamoona annahal haqq; alaaa innal lazeena yumaaroona fis Saa'ati lafee dalaalin ba'eed )

उसे वे लोग शीघ्र माँगते हैं, जो उसपर ईमान नहीं रखते, तथा वे लोग जो उसपर विश्वास रखते हैं, वे उससे डरने वाले हैं और जानते हैं कि निःसंदेह वह सत्य है। सुनो! निःसंदेह जो लोग क़ियामत के विषय में बहस (संदेह) करते हैं, निश्चय वे बहुत दूर की गुमराही में हैं।

सूरा Ash-Shuraआयत 18 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • ख़ज़ाएनुल इरफ़ान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Shura verse 18 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Shura ayat 16 which provides the complete commentary from verse 16 through 18.

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