Quran Quote  : 

कुरान मजीद-9:29 सुरा अत-तौबा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

قَٰتِلُواْ ٱلَّذِينَ لَا يُؤۡمِنُونَ بِٱللَّهِ وَلَا بِٱلۡيَوۡمِ ٱلۡأٓخِرِ وَلَا يُحَرِّمُونَ مَا حَرَّمَ ٱللَّهُ وَرَسُولُهُۥ وَلَا يَدِينُونَ دِينَ ٱلۡحَقِّ مِنَ ٱلَّذِينَ أُوتُواْ ٱلۡكِتَٰبَ حَتَّىٰ يُعۡطُواْ ٱلۡجِزۡيَةَ عَن يَدٖ وَهُمۡ صَٰغِرُونَ,

लिप्यंतरण:( Qaatilul lazeena laa yu'minoona billaahi wa laa bil yawmil Aakhiri wa laa yuharrimoona maa harramal laahu wa Rasooluhoo wa laa yadeenoona deenal haqqi minal lazeena ootul Kitaaba hattaa yu'tul jizyata ai yadinw wa hum saaghiroon )

(ऐ ईमान वालो!) उन किताब वालों से युद्ध करो, जो न अल्लाह पर ईमान रखते हैं और न अंतिम दिन (क़ियामत) पर, और न उसे हराम समझते हैं, जिसे अल्लाह और उसके रसूल ने हराम (वर्जित) किया है और न सत्धर्म को अपनाते हैं, यहाँ तक कि वे अपमानित होकर अपने हाथ से जिज़या दें।

सूरा अत-तौबा आयत 29 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Taubah verse 29 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Taubah ayat 28 which provides the complete commentary from verse 28 through 29.

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