Quran Quote  : 

कुरान मजीद-43:80 सुरा अज़-ज़ुख़रुफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

أَمۡ يَحۡسَبُونَ أَنَّا لَا نَسۡمَعُ سِرَّهُمۡ وَنَجۡوَىٰهُمۚ بَلَىٰ وَرُسُلُنَا لَدَيۡهِمۡ يَكۡتُبُونَ

लिप्यंतरण:( Am yahsaboona annaa laa nasma'u sirrahum wa najwaahum; balaa wa Rusulunaa ladaihim yaktuboon )

या वे समझते हैं कि हम उनके रहस्य और उनकी कानाफूसी को नहीं सुनते? क्यों नहीं, और हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) उनके पास लिखते रहते हैं।

सूरा अज़-ज़ुख़रुफ़ आयत 80 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Zukhruf verse 80 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Zukhruf ayat 74 which provides the complete commentary from verse 74 through 80.

सूरा अज़-ज़ुख़रुफ़ सभी आयत (छंद)

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