Quran Quote  : 

कुरान मजीद-35:43 सुरा फ़ातिर हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

ٱسۡتِكۡبَارٗا فِي ٱلۡأَرۡضِ وَمَكۡرَ ٱلسَّيِّيِٕۚ وَلَا يَحِيقُ ٱلۡمَكۡرُ ٱلسَّيِّئُ إِلَّا بِأَهۡلِهِۦۚ فَهَلۡ يَنظُرُونَ إِلَّا سُنَّتَ ٱلۡأَوَّلِينَۚ فَلَن تَجِدَ لِسُنَّتِ ٱللَّهِ تَبۡدِيلٗاۖ وَلَن تَجِدَ لِسُنَّتِ ٱللَّهِ تَحۡوِيلًا

लिप्यंतरण:( Istikbaaran fil ardi wa makras sayyi’; wa laa yaheequl makrus sayyi’u illaa bi ahlih; fahal yanzuroona illaa sunnatal awwaleen; falan tajida lisunnatil laahi tabdeelanw wa lan tajida lisunnatil laahi tahweela )

धरती में अभिमान करने और बुरी चाल के कारण। और बुरी चाल उसके चलने वाले ही को घेरती है। तो क्या वे पहले लोगों (के बारे में अल्लाह) की रीति[17] की प्रतीक्षा कर रहे हैं? तो आप अल्लाह की रीति में हरगिज़ कोई बदलाव नहीं पाएँगे, तथा आप अल्लाह की रीति में कभी कोई परिवर्तन[18] नहीं पाएँगे।

सूरा फ़ातिर आयत 43 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

17. अर्थात यातना की। 18. अर्थात प्रत्येक युग और स्थान के लिए अल्लाह का नियम एक ही रहा है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Fatir verse 43 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Fatir ayat 43 which provides the complete commentary from verse 43 through 44.

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