लिप्यंतरण:( Wa maa kuntum tastatiroona ai-yashhada 'alaikum sam'ukum wa laaa absaarukum wa laa juloodukum wa laakin zanantum annal laaha laa ya'lamu kaseeram mimmaa ta'maloon )
7. आदरणीय अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि ख़ाना काबा के पास एक घर में दो क़ुरैशी तथा एक सक़फ़ी अथवा दो सक़फ़ी और एक क़ुरैशी थे। तो एक ने दूसरे से कहा कि तुम समझते हो कि अल्लाह हमारी बातें सुन रहा है? किसी ने कहा : यदि कुछ सुनता है तो सब कुछ सुनता है। उसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4816, 4817, 7521)
The tafsir of Surah Fussilat verse 22 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Fussilat ayat 19 which provides the complete commentary from verse 19 through 24.
सूरा हामीम अस-सजदा आयत 22 तफ़सीर (टिप्पणी)