लिप्यंतरण:( Wa qaala Fir'awnu zarooneee aqtul Moosaa walyad'u Rabbahoo inneee akhaafu ai yubaddila deenakum aw ai yuzhira fil ardil fasaad )
7. अर्थात शिर्क तथा देवी-देवता की पूजा से रोककर एक अल्लाह की इबादत में लगा देगा। जो उपद्रव तथा अशांति का कारण बन जाएगा और देश हमारे हाथ से निकल जाएगा।
The tafsir of Surah Muminun verse 26 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Muminun ayat 23 which provides the complete commentary from verse 23 through 27.
सूरा ग़ाफ़िर आयत 26 तफ़सीर (टिप्पणी)