लिप्यंतरण:( Qaala rabbi inneee a'oozu bika an as'alaka maa laisa lee bihee 'ilmunw wa illaa taghfir lee wa tarhamneee akum minal khaasireen )
13. अर्थात जब नूह़ (अलैहिस्सलाम) को बता दिया गया कि तुम्हारा पुत्र ईमान वालों में से नहीं है, इसलिए वह अल्लाह के अज़ाब से बच नहीं सकता, तो नूह़ अलैहिस्सलाम तुरंत अल्लाह से क्षमा माँगने लगे।
The tafsir of Surah Hud verse 47 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Hud ayat 45 which provides the complete commentary from verse 45 through 47.
सूरा Hudआयत 47 तफ़सीर (टिप्पणी)