लिप्यंतरण:( Wa kulluhum aateehi Yawmal Qiyaamati fardaa )
23. अर्थात उस दिन कोई किसी का सहायक न होगा। और न ही किसी को उसका धन-संतान लाभ देगा।
The tafsir of Surah Maryam verse 95 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Maryam ayat 88 which provides the complete commentary from verse 88 through 95.
सूरा मरियम आयत 95 तफ़सीर (टिप्पणी)