लिप्यंतरण:( Zaalika bi annahumut taba'oo maaa askhatal laaha wa karihoo ridwaanahoo fa ahbata a'maalahum (section 3) )
10. आयत में उनके दुष्परिणाम की ओर संकेत है जो इस्लाम के साथ उसके विरोधी नियमों और विधानों को मानते हैं और युद्ध के समय काफ़िरों का साथ देते हैं।
The tafsir of Surah Muhammad verse 28 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Muhammad ayat 24 which provides the complete commentary from verse 24 through 28.
सूरा Muhammadआयत 28 तफ़सीर (टिप्पणी)