Quran Quote  : 

कुरान मजीद-47:3 Surah Muhammad हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

ذَٰلِكَ بِأَنَّ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ ٱتَّبَعُواْ ٱلۡبَٰطِلَ وَأَنَّ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ ٱتَّبَعُواْ ٱلۡحَقَّ مِن رَّبِّهِمۡۚ كَذَٰلِكَ يَضۡرِبُ ٱللَّهُ لِلنَّاسِ أَمۡثَٰلَهُمۡ

लिप्यंतरण:( Zaalika bi annal lazeena kafarut taba'ul baatila wa annal lazeena aamanut taba'ul haqqa mir Rabbihim; kazaalika yadribul laahu linnaasi amsaalahum )

यह इसलिए कि निःसंदेह जिन लोगों ने कुफ़्र किया, उन्होंने असत्य का अनुसरण किया और निःसंदेह जो लोग ईमान लाए, उन्होंने अपने पालनहार की ओर से (आये हुए) सत्य का अनुसरण किया। इसी प्रकार अल्लाह लोगों के लिए उनकी मिसालें बयान करता है।[1]

सूरा Muhammadआयत 3 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • ख़ज़ाएनुल इरफ़ान

1. यह सूरत बद्र के युद्ध से पहले उतरी। जिसमें मक्का के काफ़िरों के आक्रमण से अपने धर्म और प्राण तथा मान-मर्यादा की रक्षा के लिए युद्ध करने की प्रेरणा तथा साहस और आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Muhammad verse 3 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Muhammad ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 3.

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