लिप्यंतरण:( 'A-izaa mitnaa wa kunnaa turaaban zaalika raj'um ba'eed )
क्या जब हम मर गए और मिट्टी हो गए (तो दोबारा उठाए जाएँगे)? यह पलटना तो बहुत दूर की बात है।
सूरा क़ाफ़ आयत 3 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Qaf verse 3 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Qaf ayat 1 which provides the complete commentary from verse 2 through 5.
सूरा क़ाफ़ आयत 3 तफ़सीर (टिप्पणी)