लिप्यंतरण:( Lahum maa yashaaa'oona feehaa wa ladainaa mazeed )
10. जिनके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं है। और सबसे बढ़कर अल्लाह तआला का दर्शन है। (देखिए : सूरत यूनुस, आयत : 26, की व्याख्या में सह़ीह़ मुस्लिम : 181)
The tafsir of Surah Qaf verse 35 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Qaf ayat 30 which provides the complete commentary from verse 30 through 35.
सूरा क़ाफ़ आयत 35 तफ़सीर (टिप्पणी)