लिप्यंतरण:( Wa minal laili fasabbih hu wa adbaaras sujood )
तथा रात के कुछ भाग में फिर उसकी पवित्रता का वर्णन करें और सजदे के बाद की घड़ियों में भी।
सूरा क़ाफ़ आयत 40 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Qaf verse 40 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Qaf ayat 36 which provides the complete commentary from verse 36 through 40.
सूरा क़ाफ़ आयत 40 तफ़सीर (टिप्पणी)