बल्कि उनहोंने सत्य को झुठला दिया, जब वह उनके पास आया। अतः वे एक उलझे हुए मामले में हैं।
सूरा क़ाफ़ आयत 5 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Qaf verse 5 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Qaf ayat 1 which provides the complete commentary from verse 2 through 5.
सूरा क़ाफ़ आयत 5 तफ़सीर (टिप्पणी)