लिप्यंतरण:( Iz 'urida 'alaihi bil'ashiy yis saafinaatul jiyaad )
जब उसके समक्ष संध्या के समय असली तेज़गाम घोड़े प्रस्तुत किए गए।
सूरा साद आयत 31 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Sad verse 31 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Sad ayat 30 which provides the complete commentary from verse 30 through 33.
सूरा साद आयत 31 तफ़सीर (टिप्पणी)