लिप्यंतरण:( Wa inna 'alaika la'nateee ilaa Yawmid Deen )
और निःसंदेह तुझपर बदले (क़ियामत) के दिन तक मेरी धिक्कार है।
सूरा साद आयत 78 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Sad verse 78 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Sad ayat 71 which provides the complete commentary from verse 71 through 85.
सूरा साद आयत 78 तफ़सीर (टिप्पणी)