Quran Quote  : 

कुरान मजीद-12:106 सुरा यूसुफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَمَا يُؤۡمِنُ أَكۡثَرُهُم بِٱللَّهِ إِلَّا وَهُم مُّشۡرِكُونَ

लिप्यंतरण:( Wa maa yu'minu aksaru hum billaahi illaa wa hum mushrikoon )

और उनमें से अधिकांश अल्लाह पर ईमान नहीं रखते, परंतु इस हाल में कि वे साझी ठहराने[33] वाले होते हैं।

सूरा यूसुफ़ आयत 106 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

33. अर्थात अल्लाह के अस्तित्व और गुणों का विश्वास रखते हैं, फिर भी पूजा अन्य की करते हैं।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Yusuf verse 106 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Yusuf ayat 105 which provides the complete commentary from verse 105 through 107.

सूरा यूसुफ़ सभी आयत (छंद)

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