लिप्यंतरण:( Yatakhaafatoona bainahum il labistum illaa 'ashraa )
वे आपस में चुपके-चुपके कह रहे होंगे, तुम (संसार में) दस दिन के सिवा नहीं ठहरे।
सूरा ता-हा आयत 103 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Ta-Ha verse 103 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Taha ayat 102 which provides the complete commentary from verse 102 through 104.
सूरा ता-हा आयत 103 तफ़सीर (टिप्पणी)