लिप्यंतरण:( Wa law laa Kalimatun sabaqat mir Rabbika lakaana lizaamanw wa 'ajalun musammaa )
41. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह का यह निर्णय है कि वह किसी जाति का उसके विरुद्ध तर्क तथा उसकी निश्चित अवधि पूरी होने पर ही विनाश करता है, यदि यह बात न होती तो इन मक्का के मिश्रणवादियों पर यातना आ चुकी होती।
The tafsir of Surah Ta-Ha verse 129 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Taha ayat 128 which provides the complete commentary from verse 128 through 130.
सूरा Ta-Haआयत 129 तफ़सीर (टिप्पणी)