लिप्यंतरण:( Qaala Rabbunal lazeee a'taa kulla shai'in khalqahoo summa hadaa )
12. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह ने प्रत्येक जीव-जंतु के योग्य उसका रूप बनाया। और उसके जीवन की आवश्यकता के अनुसार उसे खाने-पीने तथा निवास की विधि समझा दी है।
The tafsir of Surah Ta-Ha verse 50 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Taha ayat 49 which provides the complete commentary from verse 49 through 52.
सूरा ता-हा आयत 50 तफ़सीर (टिप्पणी)