लिप्यंतरण:( Wa laqad arainaahu Aayaatinaa kullahaa fakaz zaba wa abaa )
और निःसंदेह हमने उसे अपनी सब निशानियाँ दिखाईं, तो उसने झुठलाया और इनकार किया।
सूरा ता-हा आयत 56 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Ta-Ha verse 56 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Taha ayat 53 which provides the complete commentary from verse 53 through 56.
सूरा ता-हा आयत 56 तफ़सीर (टिप्पणी)