लिप्यंतरण:( Fatanaaza'ooo amrahum bainahum wa asarrun najwaa )
17. अर्थात मूसा (अलैहिस्सलाम) की बात सुनकर उनमें मतभेद हो गया। कुछ ने कहा कि यह जादूगर है और कुछ ने कहा कि यह चेहरा जादूगर का नहीं हो सकता।
The tafsir of Surah Ta-Ha verse 62 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Taha ayat 60 which provides the complete commentary from verse 60 through 64.
सूरा ता-हा आयत 62 तफ़सीर (टिप्पणी)