लिप्यंतरण:( Wa in tajhar bilqawli fainnahoo ya'lamus sirra wa akhfaa )
यदि तुम उच्च स्वर में बात करो, तो वह गुप्त और उससे भी अधिक गुप्त बात को जानता है।
सूरा ता-हा आयत 7 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Ta-Ha verse 7 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Taha ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 8.
सूरा ता-हा आयत 7 तफ़सीर (टिप्पणी)