लिप्यंतरण:( Qul ara'aitum maaa anzalal laahu lakum mir rizqin faja'altum minhu haraamanw wa halaalan qul aaallaahu azina lakum; am 'alal laahi taftaroon )
19. आयत का भावार्थ यह है कि किसी चीज़ को वर्जित करने का अधिकार केवल अल्लाह को है। अपने विचार से किसी चीज़ को अवैध करना अल्लाह पर झूठा आरोप लगाना है।
The tafsir of Surah Yunus verse 59 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Yunus ayat 57 which provides the complete commentary from verse 57 through 60.
सूरा यूनुस आयत 59 तफ़सीर (टिप्पणी)