कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

كَلَّآ إِنَّهَا تَذۡكِرَةٞ

ऐसा हरगिज़ नहीं चाहिए, यह (क़ुरआन) तो एक उपदेश है।

فَمَن شَآءَ ذَكَرَهُۥ

अतः जो चाहे, उसे याद करे।

فِي صُحُفٖ مُّكَرَّمَةٖ

(यह क़ुरआन) सम्मानित सहीफ़ों (ग्रंथों) में है।

مَّرۡفُوعَةٖ مُّطَهَّرَةِۭ

जो उच्च स्थान वाले तथा पवित्र हैं।

بِأَيۡدِي سَفَرَةٖ

ऐसे लिखने वालों (फ़रिश्तों) के हाथों में हैं।

كِرَامِۭ بَرَرَةٖ

जो माननीय और नेक हैं।[2]

قُتِلَ ٱلۡإِنسَٰنُ مَآ أَكۡفَرَهُۥ

सर्वनाश हो मनुष्य का, वह कितना कृतघ्न (नाशुक्रा) है।

مِنۡ أَيِّ شَيۡءٍ خَلَقَهُۥ

(अल्लाह ने) उसे किस चीज़ से पैदा किया?

مِن نُّطۡفَةٍ خَلَقَهُۥ فَقَدَّرَهُۥ

एक नुत्फ़े (वीर्य) से उसे पैदा किया, फिर विभिन्न चरणों में उसकी रचना की।

ثُمَّ ٱلسَّبِيلَ يَسَّرَهُۥ

फिर उसके लिए रास्ता आसान कर दिया।

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