कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

كَلَّآ إِنَّهَا تَذۡكِرَةٞ

ऐसा हरगिज़ नहीं चाहिए, यह (क़ुरआन) तो एक उपदेश है।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 11

فَمَن شَآءَ ذَكَرَهُۥ

अतः जो चाहे, उसे याद करे।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 12

فِي صُحُفٖ مُّكَرَّمَةٖ

(यह क़ुरआन) सम्मानित सहीफ़ों (ग्रंथों) में है।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 13

مَّرۡفُوعَةٖ مُّطَهَّرَةِۭ

जो उच्च स्थान वाले तथा पवित्र हैं।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 14

بِأَيۡدِي سَفَرَةٖ

ऐसे लिखने वालों (फ़रिश्तों) के हाथों में हैं।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 15

كِرَامِۭ بَرَرَةٖ

जो माननीय और नेक हैं।[2]

तफ़्सीर:

2. (11-16) इनमें क़ुरआन की महानता को बताया गया है कि यह एक स्मृति (याद दहानी) है। किसी पर थोपने के लिए नहीं आया है। बल्कि वह तो फ़रिश्तों के हाथों में स्वर्ग में एक पवित्र शास्त्र के अंदर सुरक्षित है। और वहीं से वह (क़ुरआन) इस संसार में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर उतारा जा रहा है।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 16

قُتِلَ ٱلۡإِنسَٰنُ مَآ أَكۡفَرَهُۥ

सर्वनाश हो मनुष्य का, वह कितना कृतघ्न (नाशुक्रा) है।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 17

مِنۡ أَيِّ شَيۡءٍ خَلَقَهُۥ

(अल्लाह ने) उसे किस चीज़ से पैदा किया?

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 18

مِن نُّطۡفَةٍ خَلَقَهُۥ فَقَدَّرَهُۥ

एक नुत्फ़े (वीर्य) से उसे पैदा किया, फिर विभिन्न चरणों में उसकी रचना की।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 19

ثُمَّ ٱلسَّبِيلَ يَسَّرَهُۥ

फिर उसके लिए रास्ता आसान कर दिया।

सूरह का नाम : Abasa   सूरह नंबर : 80   आयत नंबर: 20

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