कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ثُمَّ أَمَاتَهُۥ فَأَقۡبَرَهُۥ

फिर उसे मृत्यु दी, फिर उसे क़ब्र में रखवाया।

ثُمَّ إِذَا شَآءَ أَنشَرَهُۥ

फिर जब वह चाहेगा, उसे उठाएगा।

كَلَّا لَمَّا يَقۡضِ مَآ أَمَرَهُۥ

हरगिज़ नहीं, अभी तक उसने उसे पूरा नहीं किया, जिसका अल्लाह ने उसे आदेश दिया था।[3]

فَلۡيَنظُرِ ٱلۡإِنسَٰنُ إِلَىٰ طَعَامِهِۦٓ

अतः इनसान को चाहिए कि अपने भोजन को देखे।

أَنَّا صَبَبۡنَا ٱلۡمَآءَ صَبّٗا

कि हमने ख़ूब पानी बरसाया।

ثُمَّ شَقَقۡنَا ٱلۡأَرۡضَ شَقّٗا

फिर हमने धरती को विशेष रूप से फाड़ा।

فَأَنۢبَتۡنَا فِيهَا حَبّٗا

फिर हमने उसमें अनाज उगाया।

وَعِنَبٗا وَقَضۡبٗا

तथा अंगूर और (मवेशियों का) चारा।

وَزَيۡتُونٗا وَنَخۡلٗا

तथा ज़ैतून और खजूर के पेड़।

وَحَدَآئِقَ غُلۡبٗا

तथा घने बाग़।

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