कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

يَوۡمَ لَا يُغۡنِي مَوۡلًى عَن مَّوۡلٗى شَيۡـٔٗا وَلَا هُمۡ يُنصَرُونَ

जिस दिन कोई साथी किसी साथी के कुछ काम न आएगा और न उनकी सहायता की जाएगी।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 41

إِلَّا مَن رَّحِمَ ٱللَّهُۚ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ

किंतु जिसपर अल्लाह ने दया की, निःसंदेह वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान है।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 42

إِنَّ شَجَرَتَ ٱلزَّقُّومِ

निःसंदेह ज़क़्क़ूम (थूहड़) का वृक्ष।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 43

طَعَامُ ٱلۡأَثِيمِ

पापी का भोजन है।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 44

كَٱلۡمُهۡلِ يَغۡلِي فِي ٱلۡبُطُونِ

पिघले हुए ताँबे (या तलछट) की तरह, पेटों में खौलता है।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 45

كَغَلۡيِ ٱلۡحَمِيمِ

गर्म पानी के खौलने की तरह।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 46

خُذُوهُ فَٱعۡتِلُوهُ إِلَىٰ سَوَآءِ ٱلۡجَحِيمِ

इसे पकड़ो, फिर इसे धधकती आग के बीच तक घसीटकर ले जाओ।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 47

ثُمَّ صُبُّواْ فَوۡقَ رَأۡسِهِۦ مِنۡ عَذَابِ ٱلۡحَمِيمِ

फिर खौलते हुए पानी की कुछ यातना उसके सिर पर उँडेल दो।[8]

तफ़्सीर:

8. ह़दीस में है कि इससे जो कुछ उसके भीतर होगा पिघलकर दोनों पाँव के बीच से निकल जाएगा, फिर उसे अपनी पहली दशा पर कर दिया जाएगा। (तिर्मिज़ी : 2582, इस ह़दीस की सनद हसन है।)

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 48

ذُقۡ إِنَّكَ أَنتَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلۡكَرِيمُ

चख, निःसंदेह तू ही वह व्यक्ति है जो बड़ा बलशाली और सम्माननीय है।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 49

إِنَّ هَٰذَا مَا كُنتُم بِهِۦ تَمۡتَرُونَ

निःसंदे यह वही है जिसके बारे में तुम संदेह करते थे।

सूरह का नाम : Ad-Dukhan   सूरह नंबर : 44   आयत नंबर: 50

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