कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَفِيٓ أَنفُسِكُمۡۚ أَفَلَا تُبۡصِرُونَ

तथा स्वयं तुम्हारे भीतर (भी)। तो क्या तुम नहीं देखते?

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 21

وَفِي ٱلسَّمَآءِ رِزۡقُكُمۡ وَمَا تُوعَدُونَ

और आकाश ही में तुम्हारी रोज़ी[7] है तथा वह भी जिसका तुमसे वादा किया जा रहा है।

तफ़्सीर:

7. अर्थात आकाश की वर्षा तुम्हारी जीविका का साधन बनती है। तथा स्वर्ग आकाश में है।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 22

فَوَرَبِّ ٱلسَّمَآءِ وَٱلۡأَرۡضِ إِنَّهُۥ لَحَقّٞ مِّثۡلَ مَآ أَنَّكُمۡ تَنطِقُونَ

सो क़सम है आकाश एवं धरती के पालनहार की! निःसंदेह यह बात निश्चित रूप से सत्य है, इस बात की तरह कि निःसंदेह तुम बोलते हो।[8]

तफ़्सीर:

8. अर्थात अपने बोलने का विश्वास है।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 23

هَلۡ أَتَىٰكَ حَدِيثُ ضَيۡفِ إِبۡرَٰهِيمَ ٱلۡمُكۡرَمِينَ

क्या आपके पास इबराहीम के सम्मानित अतिथियों की सूचना आई है?

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 24

إِذۡ دَخَلُواْ عَلَيۡهِ فَقَالُواْ سَلَٰمٗاۖ قَالَ سَلَٰمٞ قَوۡمٞ مُّنكَرُونَ

जब वे उसके पास आए, तो उन्होंने सलाम कहा। उसने कहा : सलाम हो। कुछ अपरिचित लोग हैं।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 25

فَرَاغَ إِلَىٰٓ أَهۡلِهِۦ فَجَآءَ بِعِجۡلٖ سَمِينٖ

फिर वह चुपके से अपने घरवालों के पास गया। फिर एक मोटा-ताज़ा (भुना हुआ) बछड़ा ले आया।

तफ़्सीर:

(1) جب واقعہ یہ ہے کہ یہ قرآن جن و انس کی ہدایت و رہنمائی کے لئے آیا ہے تو پھر اس کو لانے والا اور بیان کرنے والا مجنون (دیوانہ) کس طرح ہو سکتا ہے؟

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 26

فَقَرَّبَهُۥٓ إِلَيۡهِمۡ قَالَ أَلَا تَأۡكُلُونَ

फिर उसे उनके सामने रख दिया। कहा : क्या तुम नहीं खाते?

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 27

فَأَوۡجَسَ مِنۡهُمۡ خِيفَةٗۖ قَالُواْ لَا تَخَفۡۖ وَبَشَّرُوهُ بِغُلَٰمٍ عَلِيمٖ

तो उसने उनसे दिल में डर महसूस किया। उन्होंने कहा : डरो नहीं। और उन्होंने उसे एक बहुत ही ज्ञानी पुत्र की शुभ-सूचना दी।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 28

فَأَقۡبَلَتِ ٱمۡرَأَتُهُۥ فِي صَرَّةٖ فَصَكَّتۡ وَجۡهَهَا وَقَالَتۡ عَجُوزٌ عَقِيمٞ

यह सुनकर उसकी पत्नी चिल्लाती हुई आगे आई, तो उसने अपना चेहरा पीट लिया और बोली : बूढ़ी बाँझ!

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 29

قَالُواْ كَذَٰلِكِ قَالَ رَبُّكِۖ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلۡحَكِيمُ ٱلۡعَلِيمُ

उन्होंने कहा : तेरे पालनहार ने ऐसे ही फरमाया है। निश्चय वही पूर्ण हिकमत वाला, अत्यंत ज्ञानी है।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 30

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