कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

۞قَالَ فَمَا خَطۡبُكُمۡ أَيُّهَا ٱلۡمُرۡسَلُونَ

उसने कहा : ऐ भेजे हुए (दूतो!) तुम्हारा अभियान क्या है?

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 31

قَالُوٓاْ إِنَّآ أُرۡسِلۡنَآ إِلَىٰ قَوۡمٖ مُّجۡرِمِينَ

उन्होंने कहा : निःसंदेह हम कुछ अपराधी लोगों की ओर भेजे गए हैं।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 32

لِنُرۡسِلَ عَلَيۡهِمۡ حِجَارَةٗ مِّن طِينٖ

ताकि हम उनपर मिट्टी के पत्थर बरसाएँ।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 33

مُّسَوَّمَةً عِندَ رَبِّكَ لِلۡمُسۡرِفِينَ

जो तुम्हारे पालनहार के पास से सीमा से आगे बढ़ने वालों के लिए चिह्नित[9] हैं।

तफ़्सीर:

9. अर्थात प्रत्येक पत्थर पर पापी का नाम है।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 34

فَأَخۡرَجۡنَا مَن كَانَ فِيهَا مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

फिर हमने उस (बस्ती) में जो भी ईमानवाले थे उन्हें निकाल लिया।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 35

فَمَا وَجَدۡنَا فِيهَا غَيۡرَ بَيۡتٖ مِّنَ ٱلۡمُسۡلِمِينَ

तो हमने उसमें मुसलमानों के एक घर[10] के सिवा कोई और नहीं पाया।

तफ़्सीर:

10. जो आदरणीय लूत (अलैहिस्सलाम) का घर था।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 36

وَتَرَكۡنَا فِيهَآ ءَايَةٗ لِّلَّذِينَ يَخَافُونَ ٱلۡعَذَابَ ٱلۡأَلِيمَ

तथा हमने उसमें उन लोगों के लिए एक निशानी छोड़ दी, जो दुःखदायी यातना से डरते हैं।

तफ़्सीर:

(1) یا جن کو انہوں نے شریک ٹھہرا رکھا ہے وہ ان کی مدد کر کے ان کو اچھا مقام دلوا دیں گے؟ اگر ان کے شریک ایسے ہیں تو ان کو سامنے لائیں تاکہ ان کی صداقت واضح ہو۔

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 37

وَفِي مُوسَىٰٓ إِذۡ أَرۡسَلۡنَٰهُ إِلَىٰ فِرۡعَوۡنَ بِسُلۡطَٰنٖ مُّبِينٖ

तथा मूसा (की कहानी) में (भी एक निशानी है), जब हमने उसे फ़िरऔन की ओर एक स्पष्ट प्रमाण देकर भेजा।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 38

فَتَوَلَّىٰ بِرُكۡنِهِۦ وَقَالَ سَٰحِرٌ أَوۡ مَجۡنُونٞ

तो उसने अपनी शक्ति के कारण मुँह फेर लिया और उसने कहा : यह जादूगर है, या पागल।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 39

فَأَخَذۡنَٰهُ وَجُنُودَهُۥ فَنَبَذۡنَٰهُمۡ فِي ٱلۡيَمِّ وَهُوَ مُلِيمٞ

अंततः हमने उसे और उसकी सेनाओं को पकड़ लिया, फिर उन्हें समुद्र में फेंक दिया, जबकि वह एक निंदनीय काम करने वाला था।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 40

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