कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ٱقۡرَأۡ بِٱسۡمِ رَبِّكَ ٱلَّذِي خَلَقَ

अपने पालनहार के नाम से पढ़, जिसने पैदा किया।

خَلَقَ ٱلۡإِنسَٰنَ مِنۡ عَلَقٍ

जिसने मनुष्य को रक्त के लोथड़े से पैदा किया।

ٱقۡرَأۡ وَرَبُّكَ ٱلۡأَكۡرَمُ

पढ़ और तेरा पालनहार बड़े करम (उदारता) वाला है।

ٱلَّذِي عَلَّمَ بِٱلۡقَلَمِ

जिसने क़लम के द्वारा सिखाया।

عَلَّمَ ٱلۡإِنسَٰنَ مَا لَمۡ يَعۡلَمۡ

उसने इनसान को वह सिखाया, जो वह नहीं जानता था।[1]

كَلَّآ إِنَّ ٱلۡإِنسَٰنَ لَيَطۡغَىٰٓ

कदापि नहीं, निःसंदेह मनुष्य सीमा पार कर जाता है।

أَن رَّءَاهُ ٱسۡتَغۡنَىٰٓ

इसलिए कि वह स्वयं को बेनियाज़ (धनवान्) देखता है।

إِنَّ إِلَىٰ رَبِّكَ ٱلرُّجۡعَىٰٓ

निःसंदेह, तेरे पालनहार ही की ओर वापस लौटना है।[2]

أَرَءَيۡتَ ٱلَّذِي يَنۡهَىٰ

क्या आपने उस व्यक्ति को देखा, जो रोकता है।

عَبۡدًا إِذَا صَلَّىٰٓ

एक बंदे को, जब वह नमाज़ अदा करता है।

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