कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

أَرَءَيۡتَ إِن كَانَ عَلَى ٱلۡهُدَىٰٓ

क्या आपने देखा यदि वह सीधे मार्ग पर हो।

أَوۡ أَمَرَ بِٱلتَّقۡوَىٰٓ

या अल्लाह से डरने का आदेश देता हो?

أَرَءَيۡتَ إِن كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰٓ

क्या आपने देखा यदि उसने झुठलाया तथा मुँह फेरा?[3]

أَلَمۡ يَعۡلَم بِأَنَّ ٱللَّهَ يَرَىٰ

क्या उसने नहीं जाना कि अल्लाह देख रहा है?

كَلَّا لَئِن لَّمۡ يَنتَهِ لَنَسۡفَعَۢا بِٱلنَّاصِيَةِ

कदापि नहीं, निश्चय यदि वह नहीं माना, तो हम अवश्य उसे माथे की लट पकड़कर घसीटेंगे।

نَاصِيَةٖ كَٰذِبَةٍ خَاطِئَةٖ

ऐसे माथे की लट जो झूठा और पापी है।

فَلۡيَدۡعُ نَادِيَهُۥ

तो वह अपनी सभा को बुला ले।

سَنَدۡعُ ٱلزَّبَانِيَةَ

हम भी जहन्नम के फ़रिश्तों को बुला लेंगे।[4]

۩ كَلَّا لَا تُطِعۡهُ وَٱسۡجُدۡۤ وَٱقۡتَرِب

कदापि नहीं, आप उसकी बात न मानें, (बल्कि) सजदा करें और (अल्लाह के) निकट हो जाएँ।[5]

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