कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

قُلۡ إِنَّنِي هَدَىٰنِي رَبِّيٓ إِلَىٰ صِرَٰطٖ مُّسۡتَقِيمٖ دِينٗا قِيَمٗا مِّلَّةَ إِبۡرَٰهِيمَ حَنِيفٗاۚ وَمَا كَانَ مِنَ ٱلۡمُشۡرِكِينَ

(ऐ नबी!) आप कह दें कि यकीनन मेरे पालनहार ने मुझे सीधी राह दिखा दी है। वही सीधा धर्म, जो एकेश्वरवादी इबराहीम का धर्म था। और वह बहुदेववादियों में से न था।

सूरह का नाम : Al-Anam   सूरह नंबर : 6   आयत नंबर: 161

قُلۡ إِنَّ صَلَاتِي وَنُسُكِي وَمَحۡيَايَ وَمَمَاتِي لِلَّهِ رَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

आप कह दें कि निश्चय मेरी नमाज़, मेरी क़ुरबानी तथा मेरा जीवन-मरण सारे संसारों के पालनहार अल्लाह के लिए हैl

सूरह का नाम : Al-Anam   सूरह नंबर : 6   आयत नंबर: 162

لَا شَرِيكَ لَهُۥۖ وَبِذَٰلِكَ أُمِرۡتُ وَأَنَا۠ أَوَّلُ ٱلۡمُسۡلِمِينَ

उसका कोई साझी नहीं। मुझे इसी का आदेश दिया गया है। और मैं सबसे पहला मुसलमान हूँ।

सूरह का नाम : Al-Anam   सूरह नंबर : 6   आयत नंबर: 163

قُلۡ أَغَيۡرَ ٱللَّهِ أَبۡغِي رَبّٗا وَهُوَ رَبُّ كُلِّ شَيۡءٖۚ وَلَا تَكۡسِبُ كُلُّ نَفۡسٍ إِلَّا عَلَيۡهَاۚ وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٞ وِزۡرَ أُخۡرَىٰۚ ثُمَّ إِلَىٰ رَبِّكُم مَّرۡجِعُكُمۡ فَيُنَبِّئُكُم بِمَا كُنتُمۡ فِيهِ تَخۡتَلِفُونَ

आप (उनसे) कह दें कि क्या मैं अल्लाह के सिवा किसी और पालनहार की खोज करूँ? जबकि वह प्रत्येक वस्तु का पालनहार है। तथा जो भी प्राणी कोई कार्य करेगा, उसका फल वही भोगेगा। और कोई किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। फिर (अंततः) तुम्हें अपने पालनहार के पास ही जाना है। उस समय वह तुम्हें बता देगा, जिसमें तुम मतभेद किया करते थे।

सूरह का नाम : Al-Anam   सूरह नंबर : 6   आयत नंबर: 164

وَهُوَ ٱلَّذِي جَعَلَكُمۡ خَلَـٰٓئِفَ ٱلۡأَرۡضِ وَرَفَعَ بَعۡضَكُمۡ فَوۡقَ بَعۡضٖ دَرَجَٰتٖ لِّيَبۡلُوَكُمۡ فِي مَآ ءَاتَىٰكُمۡۗ إِنَّ رَبَّكَ سَرِيعُ ٱلۡعِقَابِ وَإِنَّهُۥ لَغَفُورٞ رَّحِيمُۢ

और वही है, जिसने तुम्हें धरती में उत्तराधिकारी बनाया और तुममें से कुछ लोगों के दरजे दूसरे लोगों की अपेक्षा ऊँचे रखे। ताकि उसने तुम्हें जो कुछ दिया है, उसमें तुम्हारी परीक्षा ले।[105] निश्चय आपका पालनहार शीघ्र ही दंड देने वाला[106] है। और निश्चय वह बहुत क्षमा करने वाला, अत्यंत दयावान् है।

तफ़्सीर:

105. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा : काबा के रब की क़सम! वह क्षति में पड़ गया। अबूज़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने कहा : कौन? आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा : धनी। परंतु जो दान करता रहता है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6638, सह़ीह़ मुस्लिम : 990) 106. अर्थात अवज्ञाकारियों को।

सूरह का नाम : Al-Anam   सूरह नंबर : 6   आयत नंबर: 165

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