कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَلَئِن سَأَلۡتَهُم مَّنۡ خَلَقَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضَ وَسَخَّرَ ٱلشَّمۡسَ وَٱلۡقَمَرَ لَيَقُولُنَّ ٱللَّهُۖ فَأَنَّىٰ يُؤۡفَكُونَ

और निश्चय यदि आप उनसे पूछें कि आकाशों और धरती को किसने पैदा किया और (किसने) सूर्य और चाँद को वशीभूत किया? तो वे अवश्य कहेंगे कि अल्लाह ने। तो फिर वे कहाँ बहकाए जा रहे हैं?

ٱللَّهُ يَبۡسُطُ ٱلرِّزۡقَ لِمَن يَشَآءُ مِنۡ عِبَادِهِۦ وَيَقۡدِرُ لَهُۥٓۚ إِنَّ ٱللَّهَ بِكُلِّ شَيۡءٍ عَلِيمٞ

अल्लाह अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है जीविका विस्तृत कर देता है और जिसके लिए चाहता है तंग कर देता है। निःसंदेह अल्लाह हर चीज़ को अच्छी तरह जानने वाला है।

وَلَئِن سَأَلۡتَهُم مَّن نَّزَّلَ مِنَ ٱلسَّمَآءِ مَآءٗ فَأَحۡيَا بِهِ ٱلۡأَرۡضَ مِنۢ بَعۡدِ مَوۡتِهَا لَيَقُولُنَّ ٱللَّهُۚ قُلِ ٱلۡحَمۡدُ لِلَّهِۚ بَلۡ أَكۡثَرُهُمۡ لَا يَعۡقِلُونَ

और निश्चय यदि आप उनसे पूछें कि किसने आकाश से पानी उतारा, फिर उसके द्वारा धरती को, उसके मुर्दा हो जाने के बाद जीवित किया? तो वे अवश्य कहेंगे कि अल्लाह ने। आप कह दें कि सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है। बल्कि उनमें से अधिकतर लोग नहीं समझते।[38]

وَمَا هَٰذِهِ ٱلۡحَيَوٰةُ ٱلدُّنۡيَآ إِلَّا لَهۡوٞ وَلَعِبٞۚ وَإِنَّ ٱلدَّارَ ٱلۡأٓخِرَةَ لَهِيَ ٱلۡحَيَوَانُۚ لَوۡ كَانُواْ يَعۡلَمُونَ

और दुनिया का यह जीवन[39] केवल मनोरंजन और खेल है। और निःसंदेह आखिरत का घर ही निश्चय वास्तविक जीवन है, यदि वे जानते होते।

فَإِذَا رَكِبُواْ فِي ٱلۡفُلۡكِ دَعَوُاْ ٱللَّهَ مُخۡلِصِينَ لَهُ ٱلدِّينَ فَلَمَّا نَجَّىٰهُمۡ إِلَى ٱلۡبَرِّ إِذَا هُمۡ يُشۡرِكُونَ

फिर जब वे नाव पर सवार होते हैं, तो अल्लाह को, उसके लिए धर्म को विशुद्ध करते हुए, पुकारते हैं। फिर जब वह उन्हें बचाकर थल तक ले आता है, तो शिर्क करने लगते हैं।

لِيَكۡفُرُواْ بِمَآ ءَاتَيۡنَٰهُمۡ وَلِيَتَمَتَّعُواْۚ فَسَوۡفَ يَعۡلَمُونَ

ताकि जो कुछ हमने उन्हें प्रदान किया है, उसकी नाशुक्री करें, और ताकि वे (जीवन का) लाभ उठाएँ। तो शीघ्र ही उन्हें पता चल जाएगा।

أَوَلَمۡ يَرَوۡاْ أَنَّا جَعَلۡنَا حَرَمًا ءَامِنٗا وَيُتَخَطَّفُ ٱلنَّاسُ مِنۡ حَوۡلِهِمۡۚ أَفَبِٱلۡبَٰطِلِ يُؤۡمِنُونَ وَبِنِعۡمَةِ ٱللَّهِ يَكۡفُرُونَ

क्या उन्होंने नहीं देखा कि हमने (उनके लिए) एक सुरक्षित व शांतिमय हरम बनाया है, जबकि उनके आस-पास से लोग उचक लिए जाते हैं? तो क्या वे असत्य पर ईमान लाते हैं और अल्लाह की नेमत की नाशुक्री करते हैं?

وَمَنۡ أَظۡلَمُ مِمَّنِ ٱفۡتَرَىٰ عَلَى ٱللَّهِ كَذِبًا أَوۡ كَذَّبَ بِٱلۡحَقِّ لَمَّا جَآءَهُۥٓۚ أَلَيۡسَ فِي جَهَنَّمَ مَثۡوٗى لِّلۡكَٰفِرِينَ

तथा उससे अधिक अत्याचारी कौन है, जो अल्लाह पर झूठ गढ़े या जब सच उसके पास आ जाए, तो उसे झुठला दे? क्या (ऐसे) काफ़िरों का ठिकाना जहन्नम में नहीं है?

وَٱلَّذِينَ جَٰهَدُواْ فِينَا لَنَهۡدِيَنَّهُمۡ سُبُلَنَاۚ وَإِنَّ ٱللَّهَ لَمَعَ ٱلۡمُحۡسِنِينَ

तथा जिन लोगों ने हमारी ख़ातिर भरपूर प्रयास किया, हम अवश्य ही उन्हें अपने मार्ग दिखा देंगे[40] और निःसंदेह अल्लाह सदाचारियों के साथ है।

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