कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

لَآ أُقۡسِمُ بِهَٰذَا ٱلۡبَلَدِ

मैं इस नगर (मक्का) की क़सम खाता हूँ!

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 1

وَأَنتَ حِلُّۢ بِهَٰذَا ٱلۡبَلَدِ

तथा तुम्हारे लिए इस नगर में लड़ाई हलाल होने वाली है।

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 2

وَوَالِدٖ وَمَا وَلَدَ

तथा क़सम है पिता तथा उसकी संतान की!

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 3

لَقَدۡ خَلَقۡنَا ٱلۡإِنسَٰنَ فِي كَبَدٍ

निःसंदेह हमने मनुष्य को बड़ी कठिनाई में पैदा किया है।

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 4

أَيَحۡسَبُ أَن لَّن يَقۡدِرَ عَلَيۡهِ أَحَدٞ

क्या वह समझता है कि उसपर कभी किसी का वश नहीं चलेगा?[1]

तफ़्सीर:

1. (1-5) इन आयतों में सर्व प्रथम मक्का नगर में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर जो घटनाएँ घट रही थीं, और आप तथा आपके अनुयायियों को सताया जा रहा था, उसको साक्षी के रूप में प्रस्तुत किया गया है कि इनसान की पैदाइश (रचना) संसार का स्वाद लेने के लिए नहीं हुई है। संसार परिश्रम तथा पीड़ाएँ झेलने का स्थान है। कोई इनसान इस स्थिति से गुज़रे बिना नहीं रह सकता। "पिता" से अभिप्राय आदम अलैहिस्सलमा और "संतान" से अभिप्राय समस्त मानवजाति (इनसान) हैं। फिर इनसान के इस भ्रम को दूर किया है कि उसके ऊपर कोई शक्ति नहीं है, जो उसके कर्मों को देख रही है, और समय आने पर उसकी पकड़ करेगी।

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 5

يَقُولُ أَهۡلَكۡتُ مَالٗا لُّبَدًا

वह कहता है कि मैंने ढेर सारा धन ख़र्च कर दिया।

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 6

أَيَحۡسَبُ أَن لَّمۡ يَرَهُۥٓ أَحَدٌ

क्या वह समझता है कि उसे किसी ने नहीं देखा?[2]

तफ़्सीर:

2. (1-5) इनमें यह बताया गया है कि संसार में बड़ाई तथा प्रधानता के ग़लत पैमाने बना लिए गए हैं, और जो दिखावे के लिए धन व्यय (ख़र्च) करता है उसकी प्रशंसा की जाती है, जबकि उसके ऊपर एक शक्ति है जो यह देख रही है कि उसने किन राहों में और किस लिए धन ख़र्च किया है।

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 7

أَلَمۡ نَجۡعَل لَّهُۥ عَيۡنَيۡنِ

क्या हमने उसके लिए दो आँखें नहीं बनाईं?

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 8

وَلِسَانٗا وَشَفَتَيۡنِ

तथा एक ज़बान और दो होंठ (नहीं बनाए)?

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 9

وَهَدَيۡنَٰهُ ٱلنَّجۡدَيۡنِ

और हमने उसे दोनों मार्ग दिखा दिए?!

सूरह का नाम : Al-Balad   सूरह नंबर : 90   आयत नंबर: 10

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