कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱللَّهُ مِن وَرَآئِهِم مُّحِيطُۢ

और अल्लाह उनके पीछे से (उन्हें) घेरे हुए है।[5]

तफ़्सीर:

5. (19-20) इन दो आयतों में उनके दुर्भाग्य को बताया जा रहा है जो अपने प्रभुत्व के गर्व में क़ुरआन को नहीं मानते। जबकि उसे माने बिना कोई उपाय नहीं, और वे अल्लाह के अधिकार के भीतर ही हैं।

सूरह का नाम : Al-Buruj   सूरह नंबर : 85   आयत नंबर: 20

بَلۡ هُوَ قُرۡءَانٞ مَّجِيدٞ

बल्कि वह गौरव वाला क़ुरआन है।

सूरह का नाम : Al-Buruj   सूरह नंबर : 85   आयत नंबर: 21

فِي لَوۡحٖ مَّحۡفُوظِۭ

जो लौह़े मह़फ़ूज़ (सुरक्षित पट्टिका) में लिखा हुआ है।[6]

तफ़्सीर:

6. (21-22) इन आयतों में बताया गया है कि यह क़ुरआन कविता और ज्योतिष नहीं है, जैसा कि वे सोचते हैं, यह अल्लाह का श्रेष्ठ और उच्चतम कथन है, जिसका उद्गम "लौह़े मह़फ़ूज़" में सुरक्षित है।

सूरह का नाम : Al-Buruj   सूरह नंबर : 85   आयत नंबर: 22

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