कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ٱلَّذِينَ طَغَوۡاْ فِي ٱلۡبِلَٰدِ

वे लोग, जो नगरों में हद से बढ़ गए।

فَأَكۡثَرُواْ فِيهَا ٱلۡفَسَادَ

और उनमें बहुत अधिक उपद्रव फैलाया।

فَصَبَّ عَلَيۡهِمۡ رَبُّكَ سَوۡطَ عَذَابٍ

तो तेरे पालनहार ने उनपर यातना का कोड़ा बरसाया।

إِنَّ رَبَّكَ لَبِٱلۡمِرۡصَادِ

निःसंदेह तेरा पालनहार निश्चय घात में है।[2]

فَأَمَّا ٱلۡإِنسَٰنُ إِذَا مَا ٱبۡتَلَىٰهُ رَبُّهُۥ فَأَكۡرَمَهُۥ وَنَعَّمَهُۥ فَيَقُولُ رَبِّيٓ أَكۡرَمَنِ

लेकिन मनुष्य (का हाल यह है कि) जब उसका पालनहार उसका परीक्षण करे, फिर उसे सम्मानित करे और नेमत प्रदान करे, तो कहता है कि मेरे पालनहार ने मुझे सम्मानित किया।

وَأَمَّآ إِذَا مَا ٱبۡتَلَىٰهُ فَقَدَرَ عَلَيۡهِ رِزۡقَهُۥ فَيَقُولُ رَبِّيٓ أَهَٰنَنِ

लेकिन जब वह उसका परीक्षण करे, फिर उसपर उसकी रोज़ी तंग कर दे, तो कहता कि मेरे पालनहार ने मुझे अपमानित किया।

كَلَّاۖ بَل لَّا تُكۡرِمُونَ ٱلۡيَتِيمَ

हरगिज़ ऐसा नहीं, बल्कि तुम अनाथ का सम्मान नहीं करते।

وَلَا تَحَـٰٓضُّونَ عَلَىٰ طَعَامِ ٱلۡمِسۡكِينِ

तथा तुम एक-दूसरे को ग़रीब को खाना खिलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते हो।

وَتَأۡكُلُونَ ٱلتُّرَاثَ أَكۡلٗا لَّمّٗا

और तुम मीरास का सारा धन समेटकर खा जाते हो।

وَتُحِبُّونَ ٱلۡمَالَ حُبّٗا جَمّٗا

और तुम धन से बहुत अधिक प्रेम करते हो।[3]

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