कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَمَن تَابَ وَعَمِلَ صَٰلِحٗا فَإِنَّهُۥ يَتُوبُ إِلَى ٱللَّهِ مَتَابٗا

और जो तौबा कर ले और नेक काम करे, तो निश्चय ही वह अल्लाह की ओर सच्चे तौर पर पलटता है।

सूरह का नाम : Al-Furqan   सूरह नंबर : 25   आयत नंबर: 71

وَٱلَّذِينَ لَا يَشۡهَدُونَ ٱلزُّورَ وَإِذَا مَرُّواْ بِٱللَّغۡوِ مَرُّواْ كِرَامٗا

तथा जो झूठ में भाग नहीं लेते और जब व्यर्थ के काम के पास से गुज़रते हैं, तो सज्जन बनकर गुज़र जाते हैं।

सूरह का नाम : Al-Furqan   सूरह नंबर : 25   आयत नंबर: 72

وَٱلَّذِينَ إِذَا ذُكِّرُواْ بِـَٔايَٰتِ رَبِّهِمۡ لَمۡ يَخِرُّواْ عَلَيۡهَا صُمّٗا وَعُمۡيَانٗا

और वे लोग कि जब उन्हें उनके पालनहार की आयतों के साथ नसीहत की जाए, तो उनपर बहरे तथा अंधे होकर[36] नहीं गिरते।

तफ़्सीर:

36. अर्थात आयतों में सोच-विचार करते हैं।

सूरह का नाम : Al-Furqan   सूरह नंबर : 25   आयत नंबर: 73

وَٱلَّذِينَ يَقُولُونَ رَبَّنَا هَبۡ لَنَا مِنۡ أَزۡوَٰجِنَا وَذُرِّيَّـٰتِنَا قُرَّةَ أَعۡيُنٖ وَٱجۡعَلۡنَا لِلۡمُتَّقِينَ إِمَامًا

तथा जो कहते हैं : ऐ हमारे पालनहार! हमें हमारी पत्नियों तथा संतानों से आँखों की ठंडक प्रदान कर और हमें परहेज़गारों का 'इमाम' बना दे।

सूरह का नाम : Al-Furqan   सूरह नंबर : 25   आयत नंबर: 74

أُوْلَـٰٓئِكَ يُجۡزَوۡنَ ٱلۡغُرۡفَةَ بِمَا صَبَرُواْ وَيُلَقَّوۡنَ فِيهَا تَحِيَّةٗ وَسَلَٰمًا

यही वे लोग हैं, जिन्हें उनके धैर्य के बदले में उच्च भवन दिया जाएगा और उसमें जीवन की प्रार्थना और अभिवादन के साथ उनका स्वागत किया जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Furqan   सूरह नंबर : 25   आयत नंबर: 75

خَٰلِدِينَ فِيهَاۚ حَسُنَتۡ مُسۡتَقَرّٗا وَمُقَامٗا

वे उसमें हमेशा रहने वाले हैं। वह ठहरने और रहने का अच्छा स्थान है!

सूरह का नाम : Al-Furqan   सूरह नंबर : 25   आयत नंबर: 76

قُلۡ مَا يَعۡبَؤُاْ بِكُمۡ رَبِّي لَوۡلَا دُعَآؤُكُمۡۖ فَقَدۡ كَذَّبۡتُمۡ فَسَوۡفَ يَكُونُ لِزَامَۢا

(ऐ नबी!) कह दें : मेरे पालनहार को तुम्हारी कोई परवाह नहीं, यदि तुम (उसे) न पुकारो।[37] क्योंकि निश्चय ही तुमने झुठलाया है, तो शीघ्र (उसका परिणाम) आ जाएगा।

तफ़्सीर:

37. अर्थात उससे प्रार्थना तथा उसकी इबादत न करो।

सूरह का नाम : Al-Furqan   सूरह नंबर : 25   आयत नंबर: 77

नूजलेटर के लिए साइन अप करें