कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

لَّا تَسۡمَعُ فِيهَا لَٰغِيَةٗ

उसमें कोई बेकार (अशिष्ट) बात नहीं सुनेंगे।

فِيهَا عَيۡنٞ جَارِيَةٞ

उसमें बहने वाले स्रोत (चश्मे) हैं।

فِيهَا سُرُرٞ مَّرۡفُوعَةٞ

उसमें ऊँचे-ऊँचे तख्त हैं।

وَأَكۡوَابٞ مَّوۡضُوعَةٞ

और (पीने वालों के लिए तैयार) रखे हुए प्याले हैं।

وَنَمَارِقُ مَصۡفُوفَةٞ

और क्रम में लगे हुए गाव-तकिए हैं।

وَزَرَابِيُّ مَبۡثُوثَةٌ

और बिछाए हुए क़ालीन हैं।[2]

أَفَلَا يَنظُرُونَ إِلَى ٱلۡإِبِلِ كَيۡفَ خُلِقَتۡ

क्या वे ऊँटों को नहीं देखते कि वे कैसे पैदा किए गए हैं?

وَإِلَى ٱلسَّمَآءِ كَيۡفَ رُفِعَتۡ

और आकाश को (नहीं देखते) कि उसे कैसे ऊँचा किया गया?

وَإِلَى ٱلۡجِبَالِ كَيۡفَ نُصِبَتۡ

और पर्वतों को (नहीं देखते) कि कैसे गाड़े गए हैं?

وَإِلَى ٱلۡأَرۡضِ كَيۡفَ سُطِحَتۡ

तथा धरती को (नहीं देखते) कि कैसे बिछाई गई है?[3]

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