कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ثُمَّ ٱلۡجَحِيمَ صَلُّوهُ

फिर उसे भड़कती हुई आग में झोंक दो।

ثُمَّ فِي سِلۡسِلَةٖ ذَرۡعُهَا سَبۡعُونَ ذِرَاعٗا فَٱسۡلُكُوهُ

फिर एक ज़ंजीर में, जिसकी लंबाई सत्तर गज़ है, उसे जकड़ दो।

إِنَّهُۥ كَانَ لَا يُؤۡمِنُ بِٱللَّهِ ٱلۡعَظِيمِ

निःसंदेह वह सबसे महान अल्लाह पर ईमान नहीं रखता था।

وَلَا يَحُضُّ عَلَىٰ طَعَامِ ٱلۡمِسۡكِينِ

तथा ग़रीब को खाना खिलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता था।

فَلَيۡسَ لَهُ ٱلۡيَوۡمَ هَٰهُنَا حَمِيمٞ

अतः आज यहाँ उसका कोई मित्र नहीं है।

وَلَا طَعَامٌ إِلَّا مِنۡ غِسۡلِينٖ

और न पीप के सिवा कोई भोजन है।

لَّا يَأۡكُلُهُۥٓ إِلَّا ٱلۡخَٰطِـُٔونَ

जिसे पापियों के अलावा कोई नहीं खाता।

فَلَآ أُقۡسِمُ بِمَا تُبۡصِرُونَ

मैं उन चीज़ों की क़सम खता हूँ, जिन्हें तुम देखते हो।

وَمَا لَا تُبۡصِرُونَ

तथा उनकी जिन्हें तुम नहीं देखते हो।

إِنَّهُۥ لَقَوۡلُ رَسُولٖ كَرِيمٖ

निःसंदेह यह (क़ुरआन) एक सम्मानित रसूल[6] का कथन है।

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