कुरान उद्धरण :  Glory be to Allah from all that they characterize Him with! -
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَيۡلٞ لِّكُلِّ هُمَزَةٖ لُّمَزَةٍ

विनाश है प्रत्येक बहुत ग़ीबत करने वाले और बहुत दोष लगाने वाले के लिए।

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 1

ٱلَّذِي جَمَعَ مَالٗا وَعَدَّدَهُۥ

जिसने धन एकत्र किया और उसे गिन-गिन कर रखा।

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 2

يَحۡسَبُ أَنَّ مَالَهُۥٓ أَخۡلَدَهُۥ

वह समझता है कि उसके धन ने उसे हमेशा रहने वाला बना दिया?[1]

तफ़्सीर:

1. (1-3) इन आयतों में धन के पुजारियों के अपने धन के घमंड में दूसरों का अपमान करने और उनकी कृपणता (कंजूसी) का चित्रण किया गया है, उन्हें चेतावनी दी गई है कि यह आचरण विनाशकारी है, धन किसी को संसार में सदा जीवित नहीं रखेगा, एक समय आएगा कि उसे सब कुछ छोड़ कर ख़ाली हाथ जाना पड़ेगा।

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 3

كَلَّاۖ لَيُنۢبَذَنَّ فِي ٱلۡحُطَمَةِ

कदापि नहीं, वह अवश्य 'ह़ुतमा' में फेंका जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 4

وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا ٱلۡحُطَمَةُ

और तुम क्या जानो कि वह 'हुतमा' क्या है?

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 5

نَارُ ٱللَّهِ ٱلۡمُوقَدَةُ

वह अल्लाह की भड़काई हुई आग है।

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 6

ٱلَّتِي تَطَّلِعُ عَلَى ٱلۡأَفۡـِٔدَةِ

जो दिलों तक जा पहुँचेगी।

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 7

إِنَّهَا عَلَيۡهِم مُّؤۡصَدَةٞ

निःसंदेह वह उनपर बंद कर दी जाएगी।

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 8

فِي عَمَدٖ مُّمَدَّدَةِۭ

लंबे-लंबे स्तंभों में।[2]

तफ़्सीर:

2. (4-9) इन आयतों के अंदर परलोक में धन के पुजारियों के दुष्परिणाम से अवगत कराया गया है कि उनको अपमान के साथ नरक में फेंक दिया जाएगा। जो उन्हें खण्ड कर देगी और दिलों तक जो कुविचारों का केंद्र हैं पहुँच जाएगी, और उसमें इन अपराधियों को फेंककर ऊपर से बंद कर दिया जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Humazah   सूरह नंबर : 104   आयत नंबर: 9

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